पानी की बूंद – PANI KI BUND

Amit Kumar Sachin

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पानी की बूंद – PANI KI BUND

 

 ”पानी की बूंद गरम तवे पर पड़ जाये तो मिट जाती है ,

 कमल के पत्ते पर गिरे तो मोती की तरह चमकने लगती  है ,

सीप में आये तो खुद मोती ही बन जाती है |

पानी की बूंद तो वही है ,बस संगत का फर्क है |

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